रोहिंग्या के मुद्दे को उछालना भाजपा की चाल: हरदा
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत पहुंचे दून ,गैरसैंण में जमीन की खरीद-फरोख्त की छूट देने के फैसले का विरोध एनएचएआई के अफसरों से भी एसआईटी करे पूछताछ
देहरादून। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री व दिग्गज कांग्रेस नेता हरीश रावत ने गैरसैंण में जमीनों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध हटाए जाने सम्बंधी राज्य सरकार के फैसले को गलत बताया है। जबकि प्रदेश में रोहिंगया मुसलमानों की घुसपैठ को के मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार के रवैये को राजनीतिक चाल बताते हुए तीखी आलोचना भी की। गत दिवस कांग्रेस के असम प्रभारी व केंद्रीय महासचिव हरीश रावत देहरादून स्थित अपने आवास पहुंचे। यहां मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए उन्होनंे केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के फैसलों को लेकर कड़ी प्रतिक्रियां व्यक्त की। उन्होंने असम में एनआरसी मामले में केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा है कि म्यांमार से भागकर भारत आए रोहिंग्या मुसलमानों या घुसपैठियों पर कार्रवाई करना सरकार का दायित्व है। इतने संवेदनशील मसले पर सरकार को सियासी प्रपंच करने की बजाय घुसपैठियों पर सीधी कार्रवाई करनी चाहिये। रविवार को देहरादून स्थित आवास में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान हरीश रावत ने स्वीकार किया कि घुसपैठ देश में बड़ी समस्या रही है। यही वजह है कि कांग्रेस की सरकारों ने घुसपैठियों पर कार्रवाई में संकोच नहीं किया और अपने कार्यकाल में लगभग 82 हजार घुसपैठियों पर कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने चार वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ 1512 घुसपैठियों को बाहर किया है। घुसपैठियों पर कार्रवाई करना केन्द्र सरकार का दायित्व है लेकिन एनडीए सरकार इस संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए सत्ताधारी दल भाजपा रोहिंग्या के मुद्दे को उछाल रही है, जबकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों के मामले में यूपीए सरकार ने बड़ी पहल की थी। तब 2005 में नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजन (एनआरसी) की शुरुआत हुई थी। राजीव गांधी की पहल पर 1985 में व्यवस्था दी गई कि 25 मई 1971 के बाद देश में नियम विरुद्ध प्रवेश करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में ‘‘गैरसैंण-भराड़ीसैंण विकास परिषद’ अस्तित्व में आ चुका है। साथ ही यहां का पूरा इलाका नोटिफाइड एरिया घोषित है। इसके बावजूद सरकार गैरसैंण में जमीनों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध हटा रही है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार को अपने कुछ खास लोगों को वहां जमीनें खरीदवानी हैं तो इसके लिये दूसरे रास्ते निकाले जा सकते हैं। उन्होंने सवाल दागा है कि जमीनों की खरीद-फरोख्त शुरू कराके सरकार गैरसैंण में किसको बसाना चाहती है। रावत ने उत्तराखंड को लेकर भी खुलकर बात की और कहा कि एनएच-74 घाटाले में एसआईटी की कार्रवाई को नाकाफी बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले में एनएचएआई के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। रावत ने कहा कि घोटाले में एनएचएआई के अधिकारियों की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता। परियोजना के मुआवजे की धनराशि का बजट एनएचएआई को ही मिला था। स्थानीय प्रशासन की संस्तुति पर मुआवजे की राशि जारी करनी थी। मुआवजे में करोड़ों का घोटाला हो गया और एनएचएआई का कोई भी अधिकारी जांच के दायरे में नहीं आया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह संभव है जिसका पैसा घोटाले में हड़प लिया गया हो उसके अधिकारी पाक साफ हों।