ईएसआईसी की बदहाल व्यवस्था के खिलाफ श्रमिकों का प्रदर्शन

ईएसआई में चिकित्सकों की कमीःडॉ- ललित

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रुद्रपुर। श्रमिक संयुक्त मोर्चा द्वारा ईएसआईसी की बदहाल व्यवस्था सहित 15सूत्रीय मांगों को लेकर आज से ईएसआई परिसर में जोरदार प्रदर्शन कर बेमियादी धरना शुरू कर दिया। धरना स्थल पर हंगामे की सूचना मिलने पर आवास विकास चौकी प्रभारी होशियार सिंह पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने रोषित श्रमिकों व ईएसआई के चिकित्सक से बातचीत की और चिकित्सा से सम्बन्धित समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की बात कही। इससे पूर्व संयुक्त मोर्चा के बैनर तले भारी संख्या में विभिन्न उद्योगों से घायल एवं बीमार श्रमिक ईएसआईसी परिसर पहुंचे जहां उन्होंने जोरदार प्रदर्शन कर बेमियादी धरना शुरू किया। रोषित श्रमिकों का कहना है कि ईएसआईसी के नवनिर्मित भवन को शीघ्र पूर्ण किया जाये, डिस्पेंसरी में समस्त रोगों की दवाएं उपलब्ध करायी जायें, आपातकालीन सेवा समय बढ़ाया जाये, रोगियों के रेफर के कागजात डिस्पेंसरी से उपलब्ध कराये जायें, उनका कहना था कि ईएसआई में दवा लेने आने के दौरान घंटों लाइन में लगना पड़ता है।बार बार आग्रह के बावजूद दवा वितरण काउंटर नहीं बनाये जा रहे। उनका यह भी आरोप है कि चिकित्सकों द्वारा बाहर से दवाएं खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है। ईएसआई चिकित्सालय में समस्त आधुनिक चिकित्सा उपकरण स्थापित किये जायें ताकि रोगियों को शीघ्र उपचार मिल सके। इस दौरान दिनेश तिवारी, गणेश मेहरा, मदन बिष्ट, भरत जोशी, दिनेश भट्ट, संजीत विश्वास, वीरेंद्र सिंह, पुष्कर जलाल, बसंत गोस्वामी, किशोर कुमार, अर्जुन सिंह, लालता प्रसाद व विनीता देवी आदि श्रमिक मौजूद थे।
ईएसआई में चिकित्सकों की कमीःडॉ- ललित
रूद्रपुर। ईएसआईसी के प्रमुख चिकित्सक डा- ललित ने बताया कि ईएसआईसी में पिछले काफी समय से चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। इस संबंध में शासन प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों से कई बार पत्रचार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यहां चिकित्सकों के चार पद रिक्त हैं। यहां प्रतिदिन 300 से अधिक श्रमिक रोगी उपचार के लिए आते हैं। जिस कारण उन्हें पूर्ण समय देना संभव नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के पर्चे भी ऑनलाइन से पूर्ण विवरण के साथ भरे जाते हैं और उपचार में पूरी तरह से शासनादेश के अनुरूप पारदर्शिता बरती जाती है। उनहोंने बताया कि सरकार के निर्देशों के अनुरूप रोगियों को चिकित्सालय से जेनेरिक दवाएं दी जाती हैं। जो दवाएं यहां उपलब्ध नहीं हैं ं बाजार से भी जेनेरिक दवाएं ही खरीदने के लिए लिखी जाती हैं। उनका कहना है कि स्टाफ कम होने के कारण दवा वितरण का अतिरिक्त काउंटर खोला जाना संभव नहीं है।

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