पुलिस जवान को किडनैप कर हत्या करने वाले तीन आतंकी ढेर
नई दिल्ली। जम्मू- कश्मीर के कुलगाम के वानी मोहल्ला में सेना और पुलिस ने आज सुबह साझा ऑपरेशन में उन तीन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया जिन्होंने कंस्टेबल सलीम शाह को अगवा कर उसकी हत्या कर दी। कुलगाम का ही रहनेवाला सलीम शाह छुट्टिðयां मनाने घर आया था,शुक्रवार को मुतालहामा इलाके से आतंकियों ने उसे अगवा किया, यातनाएं दीं, वीडियो बनाया और फिर गोलियों से छलनी कर दिया। सलीम का शव शनिवार को कुलगाम से ही बरामद किया गया। आज तड़के ऽुफिया एजेंसियों को सलीम के हत्यारों की भनक लगी जिसके बाद कई घंटे चले मुठभेड़ में तीनों आतंकियों को मार गिराया गया। आतंकियों को ढेर करने के बाद सेना और पुलिस ने काफी देर तक सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन फिलहाल ऑपरेशन ऽत्म कर दिया गया है। मारे गए तीन आतंकियों की पहचान उमर राशिद, सुहैल और पाकिस्तानी आतंकी अबु मौविया को तौर पर हुई। इनके पास से बड़ी मात्र में हथियार भी बरामद किए हैं जिसमें दो एके 47 रायफल, चार मैगजीन, एक कार्बाइन शामिल है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैद्य ने ट्वीट कर पुष्टि की है कि जिन लोगों ने कॉन्सटेबल सलीम को मारा था वो आतंकी मारे गए हैं। एसपी वैद्य ने ट्वीट किया, जिन आतंकियों ने हमारे साथी मोहम्मद सलीम को प्रताड़ित किया था और उनकी बेरहमी से हत्या की थी उन्हें सरक्षाबलों ने एनकाउंटर के बाद घेर लिया। आतंकियों के तीन शव बरामद हुए हैं। एनकाउंटर वाली जगह से तीन हथियार भी बराम हुए हैं। इस मुठभेड़ का आधार वो वीडियो बना जिसे कल आतंकी संगठन हिंजबुल मुजाहिद्दीन ने जारी किया था। इस वीडियो में आंतकी पुलिस के शहीद जवान सलीम शाह से पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस ने इस वीडियो में आने वाली आवाजों की तफ्रतीश की और फिर इसके आधार पर कुलगाम के एक इलाके की घेराबंदी करके ऑपरेशन शुरू कर दिया। सलीम शाह को मौत से पहले कई तरह की यातनाएं भी दी गईं। कांस्टेबल सलीम शाह की हत्या से पहले आतंकियों ने उन्हें यातनाएं दीं, बंदूक की नोक पर कबूल करवाया कि वो सुरक्षाबलों के लिए मुऽबिरी करते है। सलीम शाह ने दिलेरी का परिचय देते हुए आतंकियो के घिरे होने और बुरी तरह जख्मी होने के बाद भी इसने बचने को कोशिश नहीं की। उन्होंने डंके को चोट पर कहा कि हां मैं देश के दुश्मनों से लड़ता हूं। इससे पहले 6 जुलाई को आतंकियों ने शोपियां में पुलिस का जवान जावेद अहमद डार को अगवा कर हत्या कर दी। कांस्टेबल जावेद एसएसपी के साथ तैनात थे और अपनी मां के इलाज के लिए घर आए थे। जावेद अहमद डार का शव कुलगाम से मिला था। सेना के राइफलमैन औरंगजेब की भी शहादत याद होगी आपको। 14 जून की शाम को औरंगजेब का गोलियों से छलनी शव पुलवामा जिले के गुस्सु गांव में बरामद हुआ था। ईद की छुट्टिðयां मनाने घर जा रहे औरंगजेब को भी रास्ते से अगवा कर बुरी तरह टार्चर किया गया, वीडियो कैमरे पर उसका कबूलनामा बनाया गया था। 44 राष्ट्रीय रायफल का जवान औरंगजेब सेना की उस टीम का हिस्सा थेा जिसने हिजबुल के कमांडर समीर टाइगर को ढेर कर दिया था। यही नहीं, जैश-ए- मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के भतीजे महमूद भाई को जिस सेना की टीम ने मारा था, औरंगजेब उस टीम का भी हिस्सा रहे थे। इसी का बदला लेने के लिए आतंकियों ने औरंगजेब को निशाना बनाया था।