अस्पताल ने नवजात बच्ची को बना दिया लड़का ,बच्चें का शव कब्र से गायब
परिजनों ने जिंदा बच्चे के बदले मरा बच्चा सौंपने का आरोप
देहरादून। राजधानी में नवजात बच्ची के जन्म के बाद ईलाज के लिए दूसरे अस्पताल में शिफ्रट करने के बाद उसकी मौत हो गई लेकिन दूसरे अस्पताल ने नवजात बच्ची को लड़का बना दिया। और परिजनों को शव सौपकर अस्पताल से स्वीपर भेजकर शव दफना दिया गया। लेकिन मामला तब तूल पकड़ गया जब परिजनों ने दोनाें अस्पतालों की रिर्पोट देखी जिसमें एक में लड़की व दूसरे में लडका दिखाया गया। डीएनए जांच की मांग को लेकर जब परिजन बच्चें के दफन करने वाले स्थान पर पहुंचे तो बच्चें का शव वहां से गायब मिला। जिससें परिजनों में हड़कम्प मच गया, परिजनों ने अस्पताल पर जिंदा बच्चें के बदले मरा बच्चा सौपने का आरोप लगाते हुये हंगामा काटा। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार चकराता रोड विजय पार्क निवासी गौरव ने अपनी पत्नी को 8 जुलाई को प्रसव पीड़ा होने पर दून के चैतन्य नर्सिग होम में
भर्ती कराया था, जहां महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के जन्म के बाद उसकी तबियत खराब होने पर डाक्टरों ने बच्चें को शहर के वैश्य नर्सिग होम में भर्ती करने की सलाह दी, जिस पर वैश्य नर्सिग होम की एम्बुलेंस नर्स के साथ पहुंची और बच्ची को ईलाज के लिए अस्पताल ले गये, जहां गंभीर अवस्था में नवजात का ईलाज शुरू किया गया, इस दौरान रात्रि में 2 बजें अस्पताल में नवजात की मौत हो गई। नवजात के पिता का आरोप है कि वैश्य अस्पताल ने नवजात बच्चें की मौत के बाद उसका चेहरा बिना दिखाये सफेद कपड़ा मंगवाकर उनके साथ स्वीपर को भेज दिया। पिता का आरोप है कि शव को दफनाने के बाद घर आकर उन्होंने दोनों अस्पताल की रिर्पोट देखी तो चैतन्य अस्पताल की रिर्पोट में पुत्री पैदा होना लिखा था जबकि जहां बच्चें का ईलाज हुंआ उसमें और मृत्यु प्रमाण पत्र में वैश्य नर्सिग होम ने पुत्री के जगह पुत्र दर्शाया है।, जिससें परिजनों को शंका हुई और परिजन ने दोनों अस्पताल में रिर्पोट के बारे में बताया लेकिन अस्पताल वैश्य अस्पताल प्रबंधन ने गलती से फिमेल को मेल लिखने की बात कही, लेकिन परिजन संतुष्ट नही हुंये और डीएनए टेस्ट कराने की बात कही। परिजनों कहना है उनका शक तब यकीन में बदल गया जब वो 10 जुलाई कोे दफनाये गये स्थान पर तपोवन जंगल में दूध चढ़ाने गये तो वहां जमीन खुदी थी और बच्चें का शव गायब था और मौके पर गंगा जल की बोतल व अन्य समान बिखरा पड़ा था। बच्चें का शव गायब होने से परिजन सकते में आ गये, और डालनवाला पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बच्चें के पिता का आरोप है कि अस्पताल में उसके जिंदा बच्चें को बदलकर मृत बच्चा हमें सौप दिया गया और जांच के डर से साजिश के तहत बच्चें का शव बापस कराया गया है। दून के नामचीन अस्पताल से मामला जुड़ा होन के कारण ये घटना चर्चा का विषय बन गई है। मामले में एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा है कि ये मामला बेहद गंभीर है अस्पताल से मृत बच्चें के फिमेल से मेल बनने व शव गायब होने के मामले की जांच कराई जायेगी। और जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही की जायेगी। डालनवाला पुलिस को मामले की जांच सौपी गई है।
गलती से रिपोर्ट में फीमेल के स्थान पर हुआ मेल दर्ज
देहरादून। परिजनों के गंभीर आरोप पर वैश्य अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि गलती से नवजात बच्चे की रिपोर्ट पर फिमेल के स्थान पर मेल दर्ज हो गया जो कि भूलवश लिखा गया है। कई बार जल्दीबाजी में नवजात के ईलाज में प्राथमिकता देने के दौरान ऐसी गलती हो जाती है वही परिजनों की मांग पर ही उनके साथ बच्चें के शव को ले जाने के लिए स्वीपर भेजा गया था।