12 करोड़ की धोखाधड़ी में पांच बिल्डरों पर केस

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रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। आवासीय कालोनी के लिए भूमि बेचने के मामले मेें 12 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने सोबती ब्यूल्डवेल के डायरेक्टर चरणपाल सोबती समेत पांच लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। दर्ज रिपोर्ट में अनहद इंफ्राटेक प्रा-लि- गुरूद्वारा मार्केट गदरपुर के डायरेक्टर रितेश डाबर पुत्र किशनलाल ने बताया कि वह सम्पत्ति की खरीद फरोख्त का कारोबार करता है और कई आवासीय कालोनियां विकसित करता है। उसने बरेली उत्तर प्रदेश की फर्म सोबती ब्यूल्डवेल से रूद्रपुर नगर क्षेत्र के ग्राम कोलाड़ा में आवासीय कालोनी विकसित करने के लिए भूमि क्रय की थी जिसमें सोबती ब्यूल्डवेल के डायरेक्टर चरणपाल सोबती, सुरजीत सिंह, सुरजीत कौर, मनप्रीत सिंह ने ग्राम कोलड़ा में 17-28 एकड़ भूमि क्रय की जिसका बैनामा उन्होंने सम्बन्धित सब रजिस्ट्रार कार्यालय से कराया। उन चारों ने वर्ष 2014 में सनसिटी इंफ्राजोेन प्रा-लि- के डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल को भी योजना में शामिल किया और आवासीय कालोनी को विकसित करना शुरू किया। इसी दौरान अभिषेक व चरणपाल ने उसे पूंजी निवेश करने के लिए उकसाया जिसके तहत उसने वर्ष 2014-15 में दो करोड़ रूपए उनके पक्ष में अदा कर दिये। जिसके बदले में सनसिटी इंफ्राजोन प्रा-लि- उसे विला उपलब्ध करायेगी लेकिन बाद में अभिषेक अपना कारोबार समाप्त कर बिना रजिस्ट्रीकराये व विला की पजेशन दिये बिना भाग गया। अभिषेक के भागने के बाद उसने अपने दूसरे भागीदार इंद्रपाल सिंह के साथ सुरजीत सिंह, सुरजीत कौर और मंदीप सिंह से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि सभी सम्पत्ति का मालिक चरणपाल सोबती है जिस पर उसने सोबती से सम्पर्क किया और अपने दो करोड़ रूपए वापस मांगे जिस पर उसने बताया कि वह ग्राम कोलड़ा में खरीदी गयी भूमि का कुछ हिस्सा बेच चुका है और शेष बची भूमि में दो करोड़ रूपए समायोजित कर दिये जायेंगे जिसके चलते उसने अपने दो करोड़ की धनराशि फंसती देखकर उसका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया तथा 22अगस्त 2016 को 3करोड़ रूपए और दे दिये तथा कुल 5 करोड़ का इकरारनामा कराया और अपनी कालोनी विकसित करने का काम प्रारम्भ कर दिया। जिसके तहत उसने कालोनेी का गेट,सड़कें, सीवर लाइन, पार्क, लाइट का कार्य सम्पन्न कराते हुए विला निर्माण व विक्रय का कार्य शुरू कर दिया और 150 विला तैयार कर लिये जिसमें उसके लगभग 7 करोड़ रूपए खर्च हो गये। इसी दौरान सोबती द्वारा सुरजीत सिंह व अन्य से पूर्व में प्राप्त मुख्त्यारनामे के आधार पर उक्त भूमि में विकसित की गयी सनसिटी कालोनी में धोखाधड़ी कर 85 भवन बेचकर उनमें से लगभग 60 भवनों का बैनामा भी अन्य व्यक्तियों के पक्ष में करा लिया गया। इसकी जानकारी होने पर उसे पता चला कि चरणपाल सोबती ने मुख्त्यारनामे के आधार पर कालोनी का नक्शा पास कराकर सोबती ब्यूल्डवेल के नाम से नक्शा पास कराकर एक बैंक से वर्ष 2012 में 25 करोड़ का ऋण प्राप्त कर लिया और उस कालोनी का नाम सनसिटी कालोनी रखा। डाबर ने बताया कि उसे सूत्रें से पता चला कि सोबती ने यह भूमि वर्ष 2007 में क्रय करने के बाद सोबती ब्यूल्डवेल के नाम से आवासीय कालोनी का नक्शा पास कराया तथा उसमें अधिकांश भूखंड विक्रय करने के उपरान्त धोखाधड़ी कर भूखण्ड क्रेताओं मेें विवाद कराकर भूमि हड़पने के मकसद से वर्ष 2007 में पास नक्शे के वजूद में रहते हुए वर्ष 2015 में उसी भूमि पर पूर्व क्रेताओं की जानकारी के बिना एक अन्य आवासीय कालोनी का नक्शा पारित करा लिया। डाबर का आरोप है कि सोबती द्वारा बार बार नक्शा पास कराये जाने की कार्रवाई को संचालित करने से पूर्व क्रेतागण द्वारा उक्त कालोनी में क्रय किये गये भूखण्ड के अधिकतर नम्बर तब्दील हो गये जिस कारण उसे उक्त भूमि पर आवासीय कालोनी विकसित करने में अड़चनें आने लगीं। इस मामले में कुछ लोगों ने उस भूमि को अपना बताते हुए निर्माण कार्य में अवरोध उत्पन्न किये जिस पर उसने सोबती व अन्य लोगों से सम्पर्क किया और अपने 12 करोड़ रूपए वापस मांगे लेकिन वह आश्वासन देते रहे। कुछ समय पूर्व वह अपने कुछ साथियों के साथ चरणपाल सोबती से मिला तो वह उसे मारने की धमकी देने लगा। डाबर की तहरीर के आधार पर पुलिस ने बरेली निवासी चरणपाल सोबती, पंजाबी कालोनी किच्छा निवासी सुरजीत सिंह, सुरजीत कौर, मनप्रीत सिंह और अभिषेक अग्रवाल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।

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