कार्यकर्ताओं को नाराज कर गये कौशिक
रूद्रपुर। जिले के प्रभारी मंत्री बनने के बाद पहली बार यहां पहुंचे शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक कार्यकर्ताओं को नाराज कर गये। खासकर जिला मुख्यालय के कार्यकर्ता मंत्री की बेरूखी से खासे आहत हैं। मंत्री के सामने पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस बेरूखी को लेकर नाराजगी भी प्रकट की। इसके बावजूद मंत्री महोदय ने जिला मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को दस मिनट भी नहीं दिये। बृहस्पतिवार को शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक जिले के दौरे पर थे। उनके स्वागत की शुरूआत जसपुर से सही हंगामेदार रही। जसपुर में कार्यकर्ताओं के हंगामे के चलते श्री कौशिक को बीच में कार्यक्रम छोड़कर जाना पड़ा। इसके बाद काशीपुर, बाजपुर,गदरपुर होते हुए प्रभारी मंत्री जनपद मुख्यालय पहुंचे। यहां सरस्वती विद्या मंदिर में प्रभारी मंत्री के स्वागत के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विशेष तैयारियां की थी। कार्यकर्ता मंत्री के स्वागत के लिए खासे उत्साहित थे। यहां पर स्वागत के कार्यक्रम के साथ कार्यकर्ताओं ने शहरी विकास मंत्री को कुछ समस्याएं बताने की भी तैयारी कर रखी थी। लेकिन शहरी विकास मंत्री इस कार्यक्रम में दस मिनट भी नहीं रूके। हालत यह रही कि कार्यकर्ता उन्हें फूल मालाएं तक नहीं पहना सके। आते ही मंत्री जी ने माईक थाम लिया और तीन चार मिनट का भाषण देकर कार्यक्रम से जाने लगे। इस पर वहां सुबह से तैयारियों में जुटे कार्यकर्ता नाराज हो गये। कुछ कार्यकर्ताओं ने मंत्री जी को खरी खरी भी सुनाई। भाजपा के जिला स्तर पदाधिकारी रह चुके भाजपा नेता ने तो मंच पर ही मंत्री जी के इस व्यवहार को लेकर आपत्ति जताते हुए हुए खुलकर बोला। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता घंटों से यहां पर स्वागत और अपनी बात रखने के लिए इंतजार कर रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं के लिए आखिर कब
समय निकालेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार भाजपा की है और शहर में विधायक भी भाजपा के हैं। इसके बावजूद अधिकारी पार्टी कार्यकर्ताओं को कोई तवज्जो नहीं देते। सरकार तक बात पहुंचाने के लिए कार्यकर्ता प्रयास करें तो मंत्रियों के पास टाईम नहीं है। नाराजगी जताने के बावजूद प्रभारी मंत्री बाद में समय देने का आश्वासन देकर कार्यक्रम से तुरंत चले गये। प्रभारी मंत्री की कार्यकर्ताओं के प्रति इस बेरूखी की वजह जो भी हो लेकिन कार्यकर्ताओं में प्रभारी मंत्री के इस व्यवहार को लेकर भारी नाराजगी है। पार्टी के लोगों का कहना है कि पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने के लिए दिन रात एक करने वाले कार्यकर्ताओं के लिए सरकार के मंत्रियों के पास समय नहीं है तो इससे पार्टी का मनोबल तो गिरेगा ही साथ ही आगामी चुनावों में भी इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
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