मोदी सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा
नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को लुभाने का पयास करते हुए धान का समर्थन मूल्य में लगभग 50 फीसदी की बढतरी कर दी है। मोदी कैबिनेट के इस बड़े निर्णय के बाद सियासत में एक बार फिर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। विपक्ष ने जहां मोदी सरकार के इस फैसले को चुनावी सिगुफा करार दिया है वहींभाजपा पर पिछले चार साल से चुप रहने का भी आरेप लगा दिया है। बहरहाल किसानों के नाराजगी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने खरीफ की सभी 14 फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार के इस कदम को एक तरह से मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है. सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में 200 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है. इससे पहले किसानों को धान के लिए 1550 रुपये मिलते थे लेकिन अब इसी के लिए उन्हें 1750 रुपये दिए जाएंगे. देश के तकरीबन 12 करोड़ किसानों को इससे सीधा फायदा पहुंचेगा.
केंद्र सरकार के फैसले के बाद-
फसल पुरानी कीमत नई कीमत (प्रति क्विंटल)
धान- 1550 1750 रुपये
मूंग- 4650 6975 रुपये
उड़द- 5400 5006 रुपये
अरहर- 3432 5675 रुपये
ज्वार- 1619 2,430 रुपये
बाजरा- 990 1,950 रुपये
मक्का 1131 1700 रुपये
कपास- 3433 5150 रुपये
मूंगफली 3260 4890 रुपये
सोयाबिन 2266 3399 रुपये
तिल 4266 6249 रुपये
रामतिल 3918 5877 रुपये
रागी ….. 2,897 रुपये
सूरजमुखी बीज— 5388 रुपये
इस फैसले के बाद पीएम मोदी ने कहा कि मुझे अत्यंत खुशी हो रही है कि किसान भाइयों-बहनों को सरकार ने लागत के 1.5 गुना MSP देने का जो वादा किया था, आज उसे पूरा किया गया है. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इस बार ऐतिहासिक वृद्धि की गई है.उन्होंने कहा, ‘कृषि क्षेत्र के विकास और किसान कल्याण के लिए जो भी पहल जरूरी हैं, सरकार उसके लिए प्रतिबद्ध है. हम इस दिशा में लगातार कदम उठाते आए हैं और आगे भी आवश्यक कदम उठाते रहेंगे.’वहीं भारतीय किसान यूनियन पंजाब ने मोदी सरकार की धान की फसल पर 200 रुपये की बढ़ोतरी को नाकाफी करार दिया है. भारतीय किसान यूनियन के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने केंद्र के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है.