तो क्या पानी में डूबने के लिए खर्च किये जा रहे हैं 7 करोड़?
तालाब में तब्दील हुआ मुख्य बाजार एवं गूलरभोज रोड
गदरपुर, 2 जुलाई। कुछ घंटों तक हुई मूसलाधार बारिश ने जहां नगरपालिका परिषद की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी है। वहीं, बिना किसी ठोस कार्य योजना के किये गये निर्माण कार्य ने गदरपुर शहर को अपने हाल पर छोडकर मूसलाधार बारिश के पानी में जलमग्न कर दिया है, जिससे आम जनमानस के मन में एक ही सवाल कौंध रहा है कि क्या यही है गदरपुर के अच्छे दिन? और जो गदरपुर के विकास के लिए जो 7 करोड रुपए स्वीकृत हुए थे, क्या उनको पानी में डुबोने के लिए ही खर्च किया जा रहा है। मूसलाधार बारिश में जहां नगर के मुख्य बाजार में भारत के दोनों तरफ बनाई गई पानी निकासी की नाली की सहूलियत पर सवालिया निशान लगाया है। वहीं, बिना किसी कार्य योजना के शासन-प्रशासन द्वारा किए गए निर्माण कार्य में दिखाई गई लापरवाही के आरोपों ने भी समूचे सिस्टम पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। चर्चा है कि बिना किसी कार्य योजना के गदरपुर में अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने के बाद मुख्य मार्ग के मध्य से दोनों तरफ निर्धारित 9 मीटर स्थान को चिन्हित कर पानी निकासी के लिए बनाई गई नालियां अपनी कसौटी पर खरी नहीं उतर सकी हैं, जिसका मुख्य कारण जगह-जगह पानी की उचित निकासी का न हो पाना आम जनता व्यापारी और राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन कर रह गया है। मुख्य बाजार में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर नाली निर्माण का कार्य आधा अधूरा पड़ा हुआ है, जिसमें गूलरभोज मोड़ तिराहे पर बनी पुलिया के कारण भी पानी की उचित निकासी नहीं हो पा रही है जिससे पुलिया के आसपास के की दुकानों के सामने पानी रूका हुआ है और नालियों से बाहर हो कर बह रहा है। ऐसी ही स्थिति नेहरु मार्केट एवं सिंधी फ्रूट जूस कॉर्नर के पास नाली के किनारे खड़े हुए पीपल के विशालकाय पेड़ों की वजह से भी बनी हुई है, जिनका कटान न होने की स्थिति में नालियों से पानी की उचित निकासी नहीं हो पा रही है। शासन द्वारा गल्फार कंपनी को नगर के मुख्य बाजार में मार्ग के दोनों तरफ नाली निर्माण, हॉट मिक्स रोड एवं सौर उर्जा से संचालित की जाने वाली लाइट लगाने के लिए करीब 7 करोड रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी, जिसमें सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का महत्वपूर्ण योगदान रहा था। वर्तमान में सकैनिया मोड तिराहे से अनाज मंडी मोड तिराहे तक मार्ग के दोनों तरफ पानी निकासी के लिए नाली एवं हॉट मिक्स रोड का निर्माण हो चुका है तो कुछ स्थानों पर अभी भी नाली निर्माण का कार्य रूका हुआ है। ऐसे में आए दिन होने वाली मूसलाधार बारिश क्षेत्र की जनता एवं स्थानीय दुकानदारों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। मुख्य बाजार में मार्ग पर हॉट मिक्स का कार्य होने के बाद स्थिति में काफी सुधार तो आया है, लेकिन गुरुद्वारा मार्केट से लेकर दिनेशपुर मोड़ तिराहे तक मार्ग पर जगह-जगह बने गहरे गडडे मार्ग दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं, जिसकी सुध लेने में ना तो शासन-प्रशासन द्वारा ही कोई रुचि दिखाई जा रही है और न ही कार्यदायी संस्था गल्फार द्वारा ही गडडों को बंद करने की जेहमत उठाई जा रही है। गौरतलब हो कि बीती 10 जून को विकासखंड सभागार में सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे द्वारा गल्फार एवं एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान गुरुद्वारा मार्केट से लेकर दिनेशपुर मोड़ तिराहे तक मार्ग पर बने गडडों को तत्काल बंद कराए जाने के लिए निर्देशित किया गया था, परंतु विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते मार्ग पर बने गडडेे अभी भी जस की तस स्थिति को बयां करते हुए दिखाई दे रहे हैं। सोमवार को सुबह से ही आरंभ हुई मूसलाधार बारिश ने कुछ घंटों में ही नगर के तमाम हिस्सों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है, जिसमें सकैनिया मोड तिराहे से गूलरभोज मोड तिराहे तक मार्ग के दोनों तरफ बनी नालियां पानी में डूब कर रहे गई हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति गूलरभोज रोड की भी बनी हुई हैं, जहां लाखों रूपये की लागत से बनवायी गई टाईल्स रोड भी पानी में डूबी नजर आ रही है।
गदरपुर मुख्य बाजार की मौजूदा हालत के लिए शासन- प्रशासन एवं नगर पालिका प्रशासन दोषी है। बिना किसी कार्य योजना के निर्माण कार्यों को करा कर अपने स्वार्थ साधे जा रहे हैं, जिससे आम जनता एवं व्यापारियों को बिल्कुल भी लाभ मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।
-संजीव अरोरा, अध्यक्ष देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल, गदरपुर
गदरपुर में 7 करोड़ रुपए की लागत से होने वाले निर्माण में विकास कार्यों में मानकों की जमकर अनदेखी की गई है, और बिना किसी ठोस कार्य योजना के निर्माण कार्यों को धीमी गति से पूरा कराया जा रहा है, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
-अजीत भुसरी पूर्व अध्यक्ष, वस्त्र विक्रेता संघ, गदरपुर