एबीवीपी में गुटबाजी,अंग्रेज ने तोड़ा रिकार्ड
रुद्रपुर,9 सितम्बर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छात्रसंघ का चुनाव आपसी गुटबाजी के चलते हार गयी। कई वर्षों बाद एनएसयूआई के अंग्रेज सिंह ने एबीवीपी प्रत्याशी रचित सिंह को हराकर इतिहास रच डाला। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकारें हैं और इस छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने रचित सिंह को अपना प्रतयाशी चुना था। जबकि इस दौड़ में सबसे पहला नाम निर्दलीय प्रत्याशी हिमांशु पांडे का था। हिमांशु पांडे अभाविप के समर्थक थे और छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए वह अभाविप के बैनर तले चुनाव लड़ना चाहते थे जिसकी तैयारियां पांडे लम्बे समय से कर रहे थे लेकिन ऐन मौके पर अभाविप ने रचित सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया जिसके चलते हिमांशु छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हो गये। इसका खामियाजा अभाविप प्रत्याशी रचित सिंह को उठाना पड़ा। जहां एनएसयूआई के अंग्रेज सिंह को 1165, अभाविप के रचित सिंह को 892 और निर्दलीय प्रत्याशी हिमांशु पांडे को 654 मत प्राप्त हुए जो साफ दर्शाता है कि यदि अभाविप में गुटबाजी न होकर एक ही उम्मीदवार को लड़ाया जाता तो इस बार भी अभाविप प्रत्याशी की जीत होती। लेकिन संगठन की गुटबाजी छात्रसंघ चुनाव में नजर आयी। आने वाले दिनों में निकाय और लोकसभा चुनाव हैं। जिस प्रकार से युवाओं का रूझान एनएसयूआई की ओर बढ़ा है वह भाजपा के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के देश का नारा दिया था और भाजपा का कहना है कि पार्टी में सर्वाधिक भागीदारी युवाओं की है लेकिन इस चुनाव ने यह दर्शा दिया कि अब युवाओं का रूख बदलता जा रहा है जो आने वाले दिनों में भाजपा के लिए अच्छे संकेत नहीं है।