ग्रीन चार धाम यात्र के दावों के बीच “उपेक्षित यमुनोत्री धाम”
अभी तक आरंभ नहीं हो सका घाट निर्माण का कार्य
उत्तरकाशी। चार धाम यात्रा के बेहतर से बेहतर प्रबंधन एवं श्रद्धालुओं को पूर्ण सुविधा एवं सुरक्षा प्रदान करने के खोखले सरकारी दावों की पोल, चारधाम के पहले प्रमुख तीर्थ धाम यमुनोत्री में खुलती नजर आ रही है । वह इसलिए, क्योंकि चार धाम यात्रा में आरंभ होने में बहुत कम समय रह जाने के बावजूद अभी तक यमुनोत्री धाम में घाट निर्माण का कार्य आरंभ नहीं हो सका है। लिहाजा यह माना जा रहा है कि शासन प्रशासन द्वारा यमुनोत्री धाम की उपेक्षा का सिलसिला यूं ही जारी रहने पर श्रद्धालुओं को यमुना नदी तट पर इस बार भी बोल्डर और पत्थरों के सहारे जोखिम भरी डुबकी लगानी पड़ सकती है । यमुनोत्री धाम में घाट का निर्माण कार्य अभी तक आरंभ न हो पाने की प्रमुख वजह निर्माण कार्य की वित्तीय स्वीकृति ना मिल पाना बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि यमुनोत्री धाम में केवल घाट निर्माण के संबंध में लापरवाही नहीं बरती जा रही बल्कि यमुनोत्री धाम के मंदिर की सुरक्षा के तकाजों को भी लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है बताना होगा कि यमुनोत्री धााम में रसोई घर के पास आपदा के दौरान यमुना नदी के बीचोंबीच सुरक्षावॉल भी ढह कर क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे चलते नदी का जलस्तर बढ़ने की स्थिति में मंदिर परिसर के लिए कभी भी खतरा पैदा हो सकता है। ऐसे में अब तीर्थपुरोहितों ने इस संबंध में प्रशासन को पत्र लिखकर जल्द ही इसको दुरुस्त कराने की मांग की है, ताकि समय रहते मंदिर परिसर को नुकसान से बचाया जा सके। तीर्थपुरोहितों का कहना है कि यमुनोत्री धाम में लंबे समय से स्नान घाटों पर बेहतर व सुगम सुविधा उपलब्ध नहीं है।जुलाई 2024 को आई आपदा से धाम में यमुना मंदिर परिसर व यमुना नदी तट पर काफी नुकसान हुआ था, लेकिन अभी सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए गए। जुलाई से आज तक सुरक्षा कार्य व सुरक्षित स्नान घाटों का निर्माण की केवल और केवल योजना ही बन रही है । इसे धरातल पर उतारने के प्रतिबद्ध प्रयास नहीं किए जा रहे है। लिहाजा सिस्टम की लापरवाही से इस बार भी श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम में असुविधा उठानी पड़ सकती है। तीर्थपुरोहितों के अनुसार धाम के साथ-साथ जानकी चðी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर सुरक्षित आवाजाही लायक मार्ग बनाने के लिए अभी से प्रयास होना चाहिए। यात्रा सीजन के बीच उपरोक्त कार्य करवाना महज बजट का दुरुपयोग ही साबित होगा। इसके अलावा आपदा के बाद सुरक्षा के नाम पर तात्कालिक रूप से लगाए गए आधे अधूरे गुणवत्ता विहीन वायरक्रेट भी बारिश के दौरान जान माल का बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। पुरोहित समाज ने यमुनोत्री धाम की अपेक्षा पर नाराजगी जताते हुए शासन- प्रशासन से कपाट खुलने से पहले धाम में सुरक्षात्मक कार्य और स्नान घाटों पर व्यवस्था चाक चौबंद करने की मांग की है । उधर यमुनोत्री धाम में आस्था पथ और घाट निर्माण कार्य आदि को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली है। ऐसे में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह से
धाम में कार्य शुरू होने की उम्मीद है।