पीएम मोदी ने धामी सरकार में भरा जोशः उत्तराखंड में ऑफ नहीं होना चाहिए कोई सीजन
दो मोटर बाइक रैली और दो ट्रैकिंग दलों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
देहरादून। उत्तराखंड में अपने एक दिवसीय दौरे पर पहुचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में प्रदेश की भाजपा सरकार और केंद्र सरकार की ताकत का ऐहसाह कराते हुए धा मी सरकार में खूब जोश भर दिया । पीएम मोदी ने बेहद सधे हुए अंजाब में कहा कि कहा कि उत्तराखण्ड में कोई ऑफ सीजन नहीं होना चाहिए और अब हर सीजन ऑन रेहेगा। पर्यटन को हर मौसम में फलना-फूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है, जिसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून के दौरान पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद होती है। इसके बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आती है, जिससे सर्दियों के दौरान अधिकांश होटल, रिसॉर्ट और होम स्टे खाली हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस असंतुलन के कारण उत्तराखण्ड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक ठहराव बना रहता है और पर्यावरण के लिए भी चुनौतियां पैदा होती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्दियों के दौरान उत्तराखण्ड की यात्रा करने से देवभूमि की दिव्य आभा की सच्ची झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि विंटर टूरिज्म में यहां, लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में धार्मिक यात्राओं के लिए सर्दियां विशेष महत्व रखती हैं, क्योंकि इस दौरान कई पवित्र स्थलों पर अनोखे अनुष्ठान किए जाते हैं। उन्होंने मुखवा गांव में होने वाले धार्मिक समारोहों को क्षेत्र की प्राचीन और महत्वपूर्ण परंपराओं का अभिन्न अंग बताया। महत्वाकांक्षी योजना वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत सम्मिलित है। जो इनर लाइन क्षेत्र में पड़ते हैं, जहाँ पर आवागमन हेतु इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है। उक्त क्षेत्र को पुनः बसायत किये जाने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा जादुंग में होम स्टे बनाये जा रहे हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों के रोजगार एवं आजीविका का सृजन करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मां गंगा के शीतका लीन प्रवास स्थल मुखबा और खूबसूरत हर्षिल से पूरे देश में शीतकालीन यात्रा का संदेश पहुंचा। उन्होंने जिस अंदाज में उत्तराखंड की यात्रा का प्रमोशन किया है, वह अभूतपूर्व है। इसके बाद उत्तराखंड के शीतकालीन पर्यटन के सरपट दौड़ने की पूरी उम्मीद की जा रही है। इससे चारधाम यात्रा की मजबूती का आधार पर तैयार होगा। प्रधानमंत्री का यह प्रवास उस वक्त हुआ है, जब दो महीने की शीतकालीन यात्रा शेष है। इसके बाद 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा का श्रीगणेश होना है। ऐसे में प्रधानमंत्री के एक प्रवास ने उत्तराखंड की दोनों यात्राओं के लिए बेहतर आधार तैयार कर दिया है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड का हर तरह से प्रमोशन किया। प्रमोशन के लिए घाम तापो पर्यटन की बात हो, धर्माचार्यों और योगाचार्यों से शीतकाल में योग शिविर आयोजित करने की बात हो, कॉरपोरेट को सेमिनार का सुझाव हो, फिल्म निर्माताओं को फिल्मों की शूटिंग के लिए आ“वान हो या फिर सोशल मीडिया इन्फ्रलुएंसर से अपील हो, सबने अपना अलग प्रभाव छोड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार उत्तरकाशी जिले के मुखबा पहुंचकर शीतकालीन चारधाम यात्रा के साथ साहसिक पर्यटन की ब्रांडिंग की। कहा कि लद्दाख वैली की तर्ज पर उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र को देश का सबसे बड़ा मोटर बाइक डेस्टिनेशन बनना है। साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने से राज्य में सालभर पर्यटन का पहिया घूमेगा। प्रधानमंत्री ने मुखबा गांव में शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम के तहत दो मोटर बाइक रैली और दो ट्रैकिंग दलों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके अलावा साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए नेलांग, जादुंग, सोनम घाटी के अनछुए पर्यटन गंतव्यों के लिए साहसिक अभियानों का फ्रलैग ऑफ किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन के लिहाज से उत्तराखंड में कोई ऑफ सीजन नहीं होना चाहिए। देश-दुनिया के पर्यटकों से उत्तराखंड हर मौसम में फलना-फूलना चाहिए। पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है। इसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून के दौरान चारधाम यात्रा के चलते धार्मिक पर्यटकों की संख्या काफी होती है। मानसून सीजन में पर्यटकों की संख्या घट जाती है। चारधामों के कपाट बंद होने से सर्दियों में अधिकांश होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली हो जाते हैं। इस असंतुलन से आर्थिक ठहराव बना रहता है। पीएम मोदी ने सेना के 21 सदस्यीय दल को हर्षिल से पीडीए मोटर बाइक एटीवी-आरटीवी रैली, उत्तराखंड पर्यटन के 18 सदस्यीय दल को हर्षिल-जादुंग मोटर बाइक रैली, आईटीबीपी के 15 सदस्यों को नीलापानी-मुलिंग ला पास की ट्रेकिंग और एनआईएम के 22 सदस्यों के दल को जादुंग-जनकताल ट्रैक पर रवाना किया। नीलापानी-मुलिंग ला पास ट्रैक व जादुंग-जनकताल ट्रैक गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में आते हैं। जो इनर लाइन क्षेत्र में आने से ट्रैकरों के लिए इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्दियों के दौरान उत्तराखंड की यात्रा करने से देवभूमि की दिव्य आभा की सच्ची झलक मिलती है। शीतकालीन पर्यटन में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग व अन्य साहसिक गतिविधियां रोमांचित करती है।