फीस एक्ट पर विचार कर सकती है सरकार : सदन में उठा प्राइवेट स्कूलों की फीस का मुद्दा

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देहरादून। बजट पेश होने से पूर्व सदन में विधायकों ने कई सवाल उठाकर सरकार को घेरने का प्रयास किया। कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाती ने फीस एक्ट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में फीस निर्धारण न होने से अभिभावक परेशान हैं। जिसका शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने भी फीस एक्ट को लेकर कोई प्रावधान नहीं बनाया है। उन्होंने कहा कि यदि सभी विधायक सहमत होंगे तो सरकार फीस एक्ट पर विचार कर सकती हैं लेकिन फिलहाल सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है। सदन चाहता है तो मिलकर फैसला लिया जा सकता है।विधायक वीरेंद्र जाती ने सवाल किया कि अपात्र लोगों को सहकारी समितियों का ऋण बांटा गया है। यूपी के लोगों को भी लोन दिए गए, क्या इसकी जांच होगी? इस पर मंत्री धन सिंह ने कहा कि राज्य में 10,33,221 लोगों को हम बिना ब्याज ऋण दे चुके हैं। कॉपरेटिव की नियमावली के हिसाब से ऋण दिया जाता है। अगर कहीं गलत ऋण बांटा गया है तो उसकी जांच कराई जाएगी। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सदन में तीसरे दिन स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा गर्मा गया। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने प्रदेश में डॉक्टरों की कमी का मामला उठाया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि आखिर कब तक जनता को इस समस्या से राहत मिलेगी।  डोईवाला से भाजपा विधायक बृज भूषण गौरोला और अनिल नौटियाल ने भी डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया। गैरोला ने कहा कि जब अस्पताल को उपजिला चिकित्सा केंद्र घोषित किया गया है, बावजूद इसके वह पर्याप्त चिकिसक नहीं है। अनिल नौटियाल ने भी सिमली अस्पताल में चिकिसकों की कमी का मुद्दा उठाया। स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से कांग्रेस विधायक हरीश धामी संतुष्ट नहीं नजर आए। हरीश धामी ने सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। पर्वतीय क्षेत्रों में अस्पतालों में सुविधाओं पर किए विपक्ष के सवाल पर उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में 2881 डॉक्टरों की पोस्ट हैं, जिनमें से 2581 डॉक्टर कार्यरत हैं। सरकार ने दो बार बैकलॉग के पदों का विज्ञापन जारी किया है। अभी 276 पद भरे जाने हैं। पर्वतीय क्षेत्र में 1896 में से 1182 चिकित्सक हैं। 716 बांडधारी और संविदा पर हैं। बागेश्वर में 107 में से 74 स्थायी, 57 बांडधारी चिकित्सक हैं। 131 हैं। चंपावत में 111 में से 129 डॉक्टर काम कर रहे अल्मोड़ा में 302 पद के सापेक्ष 16 डॉक्टर ज्यादा हैं। पिथौरागढ़ में 174 पद के सापेक्ष 84 स्थायी, 45 बांड वाले मिलाकर 129 काम कर रहे हैं। 16 की कमी है। राज्य में 48 से 50» स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है। हमने दो साल में 400 से ज्यादा डॉक्टरों को पीजी करने भेजा है। इस कारण जो बच्चा पीजी में गया है, उसकी वजह से रिक्ति हैं। इस साल करीब 40 पीजी डॉक्टर आने वाले हैं। हम 3 साल में 100» पीजी डॉक्टरों की नियुक्ति करने जा रहे हैं। 2025-26 में पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज शुरू करने जा रहे हैं।

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