उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों का ‘तगड़ा इम्तिहान’ लेगा बजट सत्र
देहरादून।राजधानी में आगामी 18 फरवरी से आयोजित होने जा रहा उत्तराखंड विधानसभा के पहला पेपरलेस बजट सत्र के, सशक्त भू कानून और बजट सत्र के वेन्यू जैसे मुद्दे पर खासा हंगामाखेज होने के आसार तो हैं ही, साथ ही पक्ष और विपक्ष के तकरीबन 30 विधायकों के तकरीबन 512 सवाल भी सरकार के मंत्रियों की तगड़ी परीक्षा लेंगे। उल्लेखनीय है कि पक्ष और विपक्ष के विधायकों की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को अभी तक 512 प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं। लिहाजा सवालों की भारी भरकम संख्या के मद्देनजर यह कहना अतिशयोक्ति पूर्ण ना होगा कि बजट सत्र के दौरान सरकार के मंत्रियों को विधायकों के सवालों के जवाब देने के लिए अच्छी खासी कवायद करनी पड़ेगी और एक तरह से सवालों के तगड़े इम्तिहान का सामना करना पड़ेगा। हालांकि विधायकों की ओर से प्राप्त प्रश्न संबंधित मंत्रियों के विभागों को प्रेषित कर दिए गए हैं और सभी विभाग सवालों के जवाब तैयार करने में युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं, लेकिन विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों के प्रश्न से तो अंततः मंत्रियों को ही दो-चार होना होगा। सूबे के इस दफे के बजट सत्र की सबसे खास बात यह है कि देहरादून विधानसभा में पहली बार पेपरलेस सत्र की शुरुआत की जाएगी, साथ ही बजट सत्र में राज्य के विधायकों को पेपरलेस कार्यवाही की बारीकियों से भी भली भांति अवगत कराया जाएगा । विधानसभा सचिवालय ने इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली है। वैसे तो, प्रस्तावित बजट सत्र की समूची कार्यवाही पेपरलेस होगी, लेकिन आरंभ में विधायकों को किसी तरह की असुविधा न हो इस बात का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा और विधाई कार्यों एवं सूचनाओं के लिए आवश्यकता अनुसार पेपर का इस्तेमाल किया जा सकेगा। सूत्रों के अनुसार सत्र आरंभ होने के पूर्व 16 फरवरी को सत्र के दौरान सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए विभागीय अधिकारियों की एक विशेष बैठक भी होगी। बजट सत्र के आयोजन की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि बजट सत्र के लिए अब तक 30 विधायकों से 512 सवाल प्राप्त हुए हैं। मेरा प्रयास रहेगा कि विधायकों के सवालों का जवाब मिले और राज्य के विकास व जनहित मुद्दों पर बड़ी ही सार्थक चर्चा हो, मगर सदन को गरिमा पूर्ण ढंग से संचालित करने में पक्ष व विपक्ष के सदस्यों का सहयोग जरूरी है।