महाकुंभ में सीएम धामी ने लिया संतों का आशीर्वाद: उत्तराखण्ड में यूसीसी लागू करने पर मुख्यमंत्री धामी का अभिनंदन किया

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प्रयागराज/देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आचार्य शिविर, सेक्टर-09, गंगेश्वर मार्ग, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आयोजित समानता के साथ समरसता कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सभी संतों ने उत्तराखण्ड राज्य में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू करने पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। संतों द्वारा पुष्पमाला के साथ मुख्यमंत्री को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी संतों को धन्यवाद अर्पित करते हुए कहा कि त्रिवेणी की पवित्र भूमि और महाकुंभ के शुभ अवसर पर पूज्य संतों का आशीर्वाद मिलना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की कल्पना में पूज्य संतों का आशीर्वाद सबसे जरूरी है। समान नागरिक संहिता लागू करना, विकसित भारत की ओर कदम बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि मेरा जो सम्मान संतों ने किया है, वो उत्तराखण्ड के प्रत्येक नागरिक का सम्मान है। उन्होंने कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले हमने उत्तराखण्ड की जनता के सामने समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प रखा था। जनता ने हमें अपना आशीर्वाद दिया। सरकार बनने के बाद सबसे पहले मंत्रीमंडल की बैठक में समान नागरिक संहिता के लिए कमेटी का गठन किया गया। जिसके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार ने देश की आजादी के बाद सबसे पहले उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू किया। मुख्यमंत्री ने 2022 में दिल्ली में श्रद्धा वाकर की हत्या की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद इस प्रकार की घटना पूर्ण रूप से बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अब हमारी बेटियों के साथ कोई भी ऐसा अपराध नहीं कर पाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में सभी राज्यों में यूसीसी लागू किया जाएगा। इस अवसर पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड जैसा दिव्य स्थान कहीं नहीं है। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री सभी संतों के बेहद प्रिय हैं। उन्होंने कहा कि भारत के सभी संत मुख्यमंत्री श्री धामी जी के साथ हैं। छोटा राज्य होने के बाद भी उत्तराखण्ड सबसे बड़ा बन गया है, जिसमें समान नागरिक संहिता सबसे पहले लागू हो गई है। मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी लागू करके भारत को बल दिया है। अब उत्तराखण्ड के साथ अन्य राज्य भी यूसीसी लागू करने की ओर कदम बढ़ाएंगे। स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने कहा कि चार धाम, उत्तराखण्ड की पावन धरती, मां गंगा, मां यमुना ने मुख्यमंत्री श्री धामी को चुना है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखण्ड की पवित्र भूमि से विशेष प्रेम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी जी ने उपासक के रूप में उत्तराखण्ड की सेवा का संकल्प लिया है। पूरे कुंभ मेले में कई कार्यक्रम हुए पर इस कार्यक्रम ने पूरे विश्व को दिखाया है। मुख्यमंत्री धामी जी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड ने समान नागरिक संहिता की मांग को पूरी करके भारत माता का मान बढ़ाया है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी जी महाराज, श्री महंत रविंद्रपुरी जी महाराज, महंत श्री हरि गिरी जी महाराज, महामंडलेश्वर नारायण गिरी जी महाराज, महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति, महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषानंद गिरी महाराज एवं अन्य संतगण बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

सीएम ने भव्य उत्तराखण्ड मंडपम का अवलोकन कर राज्य से पहुंचे तीर्थ यात्रियों से की मुलाकात
प्रयागराज/देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को प्रयागराज, उत्तर प्रदेश पहुंचकर महाकुंभ 2025 में स्थापित किए गए उत्तराखण्ड मंडपम का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड मंडपम में आए तीर्थ यात्रियों से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम जानी। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राज्य सरकार द्वारा प्रयागराज महाकुंभ 2025 में इस उत्तराखण्ड मंडपम की स्थापना की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड मंडपम में राज्य के तीर्थ यात्रियों को प्रदान की जा रही आवासीय सुविधा एवं भोजन व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड मंडपम से महाकुंभ में देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालु उत्तराखण्ड की संस्कृति से परिचित हो रहे हैं। उत्तराखण्ड मंडपम श्रद्धालुओं के ठहरने के साथ ही महाकुंभ में उत्तराखण्ड का अहसास करवाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड मंडपम के माध्यम से राज्य के पारंपरिक उत्पादों को जन जन तक पहुंचाया जा रहा है। महाकुंभ में उत्तराखण्ड राज्य के देवभूमि स्वरूप के प्रदर्शन के साथ ही राज्य की कला-संस्कृति एवं विशिष्ट उत्पादों के प्रदर्शन तथा बिक्री की भी व्यवस्था की गयी है, जो सराहनीय पहल है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड मंडपम में प्रवेश द्वार के रूप में केदारनाथ द्वार एवं निकास द्वार के रूप में बदरीनाथ द्वार का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने मंडपम के अंदर चारधाम – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ जी की दिव्य एवं भव्य प्रतिकृतियों का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड मंडपम में मानसखण्ड मंदिर माला के अंतर्गत श्री जागेश्वर धाम, श्री गोल्ज्यू देवता तथा नीब करौली बाबा की बनाई दिव्य प्रतिकृतियों को भी देखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड मंडपम में बनाई गई विभिन्न प्रतिकृतियां देवभूमि उत्तराखण्ड की दिव्यता को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और अधिक से अधिक लोग राज्य के धार्मिक स्थानों से अवगत हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड मंडपम सभी श्रद्धालुओं के बीच में विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस अवसर पर गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पांडेय एवं अन्य लोग मौजूद रहे।



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