वोटर लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम गायब होने पर घमासान
मतदान बूथ के वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताई
देहरादून। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत जब वोट डालने की तैयारी कर रहे थे तो पता चला कि उनका नाम मतदाता सूची में ही नहीं है। मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उन्हें बड़ा धक्का लगा है। मैंने माजरा से लोकसभा चुनाव में वोट दिया था। यहां बीएलओ भी आया था। यहां भी किराए पर रहते हैं। पहले राजपुर में किराए पर रहता था लेकिन वोट माजरा में था। अब कहीं नहीं है। उन्होंने इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग में बात की तो जवाब मिला कि अभी सर्वर डाउन है। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उन्हें गहरा दुख है। हजारों लोगों के नाम काट दिए गए। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर मतदान बूथ के वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने एक पोस्ट में बताया है कि मेरे स्टाफ ने मुझे बताया कि माननीय जिलाधिकारी देहरादून ने उन्हें 6ः38 बजे सूचित किया है कि मेरा नाम वार्ड-76 माजरा के बजाय वार्ड-58 डिफेंस कॉलोनी की वोटर लिस्ट में है। मैं वर्ष 2009 से लगातार माजरा पोलिंग स्टेशन में ही वोट कर रहा हूं, कुछ समय पूर्व में संपन्न लोकसभा चुनाव में भी मैंने वही वोट किया है। आज जब माजरा की वोटिंग पोलिंग लिस्ट में मेरा नाम दर्ज नहीं पाया गया तो यह बात सारे समाचार चैनलों में प्रचारित-प्रसारित हुई। मेरे स्टाफ द्वारा माननीय राज्य चुनाव आयुक्त नगर निकाय पंचायती राज व उनके कार्यालय, माननीय जिलाधिकारी देहरादून, माननीय आरओ से बात कर नाम न होने की शिकायत की गई और चुनाव आयोग से संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों से भी आगरा किया गया कि मेरा नाम कहां है, यह मुझे बताया जाए? उन्होंने आयोग का सर्वर डाउन होने की सूचना दी, यह समाचार कुछ चैनलों में भी प्रसारित हुआ। 4 बजे मैं खुद माजरा क्षेत्र के तीन पोलिंग स्टेशनों में गया और अपना नाम ढूंढा, कहीं नाम नहीं मिला। निराश होकर मैं भगवानपुर किसी आवश्यक कार्य हेतु चला गया तो मुझे मेरे स्टाफ द्वारा बताया गया कि माननीय जिलाधिकारी द्वारा मेरा नाम वार्ड-58 डिफेंस कॉलोनी में होने की सूचना दी है। यदि यह सूचना मुझे 4ः00-4ः30 बजे तक भी मिल जाती तो मैं अपने मतदान के अधिकार का उपयोग कर सकता था। मैंने कभी भी मतदाता सूची तैयार करने वालों से मेरा नाम माजरा से अन्यत्र स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया, जो बीएलओ मेरे आवास पर आए थे तो मेरे स्टाफ द्वारा उनको भी मेरा मंतव्य उस समय स्पष्ट रूप से बता दिया गया था कि मैं माजरा पोलिंग स्टेशन में ही अपना नाम दर्ज रखना चाहता हूं। मैं किसी के ऊपर जान-बूझकर मुझे मतदान से वंचित करने का आक्षेप नहीं लग रहा हूं, मगर देहरादून में हजारों की संख्या में मतदाता सूचियों से लोगों के नाम गायब मिले हैं। लगभग सभी वार्डों में यह स्थिति है। मेरा मानना है कि ऐसी स्थिति जान-बूझकर पैदा की गई है, क्योंकि जो नाम मतदाता सूचियों से हटाए गए हैं उनमें 90» से अधिक लोग कमजोर वर्गों व अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों का नाम भी मतदाता सूची से गायब है। गरिमा का कहना है कि उनका और उनके परिवार का नाम वोटर लिस्ट में नहीं मिल रहा है। उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी वोटिंग की थी। लेकिन उनका नाम इस बार की निकाय चुनाव की सूची से गायब है।