वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर उठे सवाल: निकाय चुनाव में कोश्यारी भी नहीं डाल पाए वोट

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देहरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनावों की वोटर लिस्ट में अव्यवस्थाओं ने इस बार तैयारियों पर सवाल उठा दिया है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर ये कैसी वोटर लिस्ट बनाई गई जिसमें लोकसभा, विधानसभा चुनावों में वोट डाल रहे नागरिकों के नाम भी गायब कर दिए जा रहे हैं तो बच्चों के नाम शामिल कर दिए जा रहें हैं। हालात ये हैं कि इसी अव्यवस्था के चलते राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री भी अपना वोट नहीं डाल पाए। उत्तराखंड निकाय चुनावों में वोटर लिस्ट में हुई गड़बड़ी के चलते राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी भी मतदान से वंचित रह गए। दरअसल भगत सिंह कोश्यारी का पिथौरागढ़ में वोट है। वो अपने मत का प्रयोग करने के लिए मतदान से दो दिन पहले ही पिथौरागढ़ पहुंच गए। पिथौरागढ़ पहुंचने पर उन्होंने जब वोटर लिस्ट चेक की तो उनका नाम गलत लिखा हुआ था। हालांकि उनके पिता का नाम सही था लेकिन खुद का नाम सही न होने के चलते कोश्यारी अपना वोट नहीं डाल पाए। संभवत ऐसा पहली बार हुआ होगा जब भगत दा अपना वोट देने से वंचित रहे हों। वो कहीं भी रहें लेकिन वोट देने हमेशा पहुंचते रहे हैं। वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत भी इस बार निकाय चुनावों में अपना वोट नहीं डाल पाए। वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की शिकायतें हर ओर से आती रही। वोटर लिस्ट में इतनी गड़बड़ी और बड़ी संख्या में लोगों के नाम गायब होने की जिम्मेदारी कौन लेगा ये बड़ा सवाल है। शासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे थे ये बड़ा सवाल है। वोटर लिस्ट में अव्यवस्था के लिए किसे जिम्मेदरा माना जाए। ये हाल तब है जब निकाय चुनाव अपने नीयत समय से देरी से हुए हैं।

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