सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर किया लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास: यशपाल आर्य

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हल्द्वानी। प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने निकाय चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरूपयोंग करने को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर सियासी हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव में मतदान एक मौलिक अधिकार है। चुनाव प्रणाली को सभी के लिए पारदर्शिता और सुचारू प्रक्रिया सुनिश्चित करनी चाहिए थी लेकिन चुनाव आयोग ,सरकार एवं सरकारी मशीनरी की विफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण ये निकाय चुनाव रहा और वो चुनाव कराने में पूर्णता विफल साबित हुए । नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि जिस प्रकार से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया गया वह बेहद निंदनीय है।पिछले आम चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले हजारो मतदाताओं के नाम मतदान केंद्रों की मतदाता सूची में नहीं थे। साफ तौर पर मतदाता सूची से अच्छे खासे स्तर पर नाम सूची से गायब होना लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है और चिंताजनक एवं निंदनीय है। अखबार में चुनाव आयोग ने दस हेल्पलाइन फोन नंबर दिए थे लेकिन अधिकांश लोगो ने मुझे बताया की एक भी नंबर नहीं लग रहा घंटी बज रही पर किसी ने फोन उठाया ही नहीं। जब पूर्व मुख्यमंत्री तक के नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं, तब आम जनता से वोट डालने की अपील का क्या फायदा. इसे सुधारना ही होगा, नहीं तो जो उँगलियाँ वोट देने के बाद शान से उठायी जाती हैं, वो सरकार की मंशा पर उठने लगेंगी. चुनावी प्रक्रिया में विश्वास लोकतंत्र की सबसे बड़ी जरूरत है। दुखद ये है जिन नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन होता है, उनके लिए कोई कानूनी सहारा नहीं है, क्योंकि कानून में उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई प्रावधान नहीं है। जवाबदेही की इस कमी के बावजूद, इन अधिकारों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई संभव नहीं है । अब जनमानस का जागने का समय है, अपने दस्ताने उतारें, अपनी आस्तीन ऊपर चढ़ाएं और लड़ने के लिए तैयार हो जाएं। सविनय अवज्ञा पर जाएं। निरंकुश सरकार को चिन्हित करें।

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