बेबी रानी मौर्य बनी सूबे की नयी राज्यपाल
चीफ़ जस्टिस ने दिलायी शपथ,उत्तराखंड की नवनियुक्त सातवीं राज्यपाल सामाजिक कार्याे के साथ ही आगरा की मेयर व राष्ट्रीय महिला आयोग में रह चुकी हैं सदस्य
देहरादून। उत्तराखण्ड की नव नियुक्त राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने रविवार को उत्तराखण्ड के राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण की। राजभवन में आयोजित सादे समारोह में उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजीव शर्मा ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद प्रदेश की सातवीं राज्यपाल श्रीमती मौर्य को 21 मद्रास रेजीमेंट ने गार्ड आफ आनर दिया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने किया। शपथ ग्रहण से पहले मुख्य सचिव ने राष्ट्रपति द्वारा जारी अधिपत्र पढ़कर सुनाया। इसमें बेबी रानी मौर्य को उत्तराखंड को राज्यपाल नियुक्त किया गया है। शपथ ग्रहण के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह गौरव का विषय है कि उन्हें देवभूमि की सेवा का अवसर मिला। संवैधानिक दायित्वों एवं मर्यादाओं का पालन करते हुए वह राज्य के विकास में योगदान करेंगी। राज्य में लोकप्रिय सरकार है। संवैधानिक दायित्वों को निभाते हुए सरकार को सहयोग प्रदान करना उनकी प्राथमिकता है। उत्तराखंड देश के शीर्षस्थ राज्यों में से एक बने यही उनकी प्राथमिकता है। शपथ ग्रहण के लिए देहरादून पहुंची राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की अगवानी कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने की। जौलीग्रांट एअरपोर्ट पर कैबिनेट मंत्री कौशिक के साथ गढ़वाल कमिश्नर शैलेश बगोली एवं डीआईजी अजय रौतेला भी उनकी अगवानी के लिए मौजूद थे। हवाई अड्डे से वह हेलीकाप्टर से जीटीसी हेलीपैड पहुंची। वहां मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी व एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने उनका स्वागत किया। गौर हो कि उत्तराखण्ड की सातवीं राज्यपाल के रूप में नियुक्त बेबी रानी मौर्य राज्य में दूसरी महिला राज्यपाल हैं। इससे पहले माग्रेेट अल्वा इस संवैधानिक कुर्सी को सुशोभित कर चुकी हैं। बेबी रानी मौर्य सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पित रही हैं। मूलतः ताजनगरी आगरा की रहने वाली राज्यपाल राष्ट्रीय महिला आयोग में बतौर सदस्य कार्य कर चुकी हैं। 15 अगस्त 1956 को आगरा में जन्मी बेबी रानी मौर्य को राजनीतिक व सार्वजनिक जीवन का अनुभव रहा है। राज्यपाल नियुक्त होने से पूर्व वे सक्रिय रूप से राजनीतिक प्रशासनिक एवं सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करती रहीं। श्रीमती मौर्य 1995 से वर्ष 2000 तक आगरा की महापौर रहीं, जहां उन्होंने एक कुशल प्रशासक के रूप में कई उल्लेखनीय कार्य किए। वर्ष 1997 में उन्हें वर्तमान राष्ट्रपति और तत्कालीन अध्यक्ष भाजपा राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कोषाध्यक्ष के रूप में काम करने का मौका मिला। इसके पश्चात वे 2001 में उत्तर प्रदेश, सामाजिक कल्याण बोर्ड की सदस्य रहीं हैं और 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य के रूप में नारी सशक्तीकरण तथा महिला कल्याण के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाई। इन दायित्वों के साथ-साथ श्रीमती मौर्य सक्रिय रूप से सामाजिक सरोकारों के प्रति समर्पित रहीं। वह विगत 18 वर्षो से ‘‘नव चेतना जागृति संस्था‘‘ के माध्यम से दलित एवं पिछड़ी महिलाओं के लिए जागरूकता एवं न्याय दिलाने का कार्य कर रही हैं। महिला सशक्तीकरण एवं बालिका शिक्षा के प्रति बेहद संवेदनशील हैं और सेवा भारती संस्था के माध्यम से बच्चियों को शिक्षा के प्रति जागरूक कराना तथा गरीब बस्तियों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में शामिल रहीं हैं। उन्हें वर्ष 1996 में सामाजिक कायरे के लिए ‘समाज रत्न’, 1997 में ‘‘उत्तर प्रदेश रत्न’ और वर्ष 1998 में ‘नारी रत्न’ से भी सम्मानित किया गया है।