व्यापारियों से 67 लाख की ठगी के मामले में कई लोगों को पूछताछ के लिए उठाया
काशीपुर। टेलीकाॅम सेक्टर की कंपनी के नाम पर व्यापारियों से की गई 67 लाख रुपयों की ठगी के मामले में पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी है। इस मामले में पुलिस टीम ने कुछ लोगों को शक के आधार पर उठाया है जिनसे कोतवाली में गहन पूछताछ की जा रही है। माना जा रहा है कि लाखों की धोखाधड़ी की सनसनीखेज घटना से पुलिस जल्द ही पर्दा उठा देगी । विनायक विला कचनाल गाजी काशीपुर निवासी मनोज जैन पुत्रा रमेश चंद्र ने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि उसके रुद्रपुर निवासी राजेश झाम से आपसी संबंध हैं। राजेश ने 20 जुलाई को एक व्यवसायिक डील करने के लिये उसे रुद्रपुर बुलाया। जहां राजेश ने उसे एक होटल में अश्वनी कुमार और उसके साथियों से मिलवाया। अश्वनी ने अपने को टेलीकाॅम कंपनी को ईस्ट एंड सेंटर जोन का प्रोजेक्ट हेड बताया। उसके साथियों में हरिद्वार निवासी सुजेना शुक्ला, स्वाति कांडपाल, निखिल गांधी व विवेक शर्मा शामिल थे। जिन्होंने अपने को कंपनी अधिकारी और कर्मचारी बताया। उन्होंने कंपनी का ब्राॅडकास्टिंग वायरलेस स्मार्ट बाॅक्स दूसरा आॅनलाइन मनी और तीसरा प्लान आॅनलाइन शाॅपिंग बताया। कहा कि कंपनी स्टूडियो भी बनाकर देगी। जिसका किराया कंपनी देगी और इसमें छह चैनल होंगे। कहा गया कि उन्हें डेढ़ लाख बाॅक्स जिनकी कीमत 4-5 करोड़ होगी दिये जाएंगे। जिसका 25 प्रतिशत एडवांस कंपनी में जमा करना होगा। इस पर दोनों ने हामी भर दी। इस पर उन्होंने काशीपुर आकर कंपनी बनाने का निर्णय लिया। जिसके स्वामी शक्ति प्रकाश, राजेश झाम व मनोज जैन होंगे। इसी बीच उनकी अश्वनी से बात होती रही। उसने कहा कि एग्रीमेंट से पहले वायरलैस मीडिया ब्राॅडकास्टिंग कंपनी के खाते में 5.51 लाख रुपये जमा करने होंगे। इस पर उन्होंने 23 जुलाई को रुपये जमा करा दिये। 29 जुलाई को अश्वनी ने निखिल गांधी और विवेक शर्मा को काशीपुर भेजा। जो कंपनी के लोगो लगे हुए पेपर और कंपनी की मोहरें लेकर आये। उन्होंने पेपरों पर एग्रीमेंट लिखकर उसके और उसके पार्टनरों के हस्ताक्षर कराये और कंपनी के उच्चाधिकारियों के हस्ताक्षर कराने की बात कहकर एग्रीमेंट अपने साथ ले गये। इसके बाद कथित कंपनी अधिकारियों ने अलग-अलग तारीखों में कुल 67 लाख 26 हजार रुपये नकद व खातों में जमा करवा लिये। बाद में जब आरोपियों से कंपनी का अधिकृत पत्रा दिखाने को कहा तो उन्होंने नहीं दिखाया। जब कंपनी से डील की जानकारी ली गई तो कंपनी ने बताया कि उनकी ऐसी कोई स्कीम नहीं है। कहा कि अश्वनी, सुजेना शुक्ला, स्वाति कांडपाल, निखिल गांधी, विवेक शर्मा, प्रशांत संगल आदि ने उसके और उसके पार्टनरों के साथ षड्यक्कंत्रा के तहत धोखाधड़ी की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत करने के बाद इसकी गहन पड़ताल शुरू करते हुए पूछताछ के लिए कुछ लोगों को हिरासत में लिया है।