कृषि अध्यादेशों के खिलाफ गदरपुर/नानकमत्ता/रामनगर में रजे कांग्रेसी
गदरपुर/नानकमत्ता/रामनगर। केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि अध्यादेशों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस के अलावा तमाम सामाजिक एवं किसान संगठनों से जुड़े लोगों एवं किसानों ने तहसील मुख्यालय पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया और तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपकर किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने एवं खेती के समक्ष गंभीर संकट खड़े होने की स्थिति बनने के कारण अध्यादेश को वापस लेने की पुरजोर मांग की। बुधवार को तहसील मुख्यालय में किसान कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष सुभाष बेहड़ तथा कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश सचिव एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रीत ग्रोवर के नेतृत्व में गदरपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ता एवं विभिन्न सामाजिक एवं किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि अध्यादेशों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और किसान विरोधी अध्यादेश वापस लेने की पुरजोर वकालत की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं किसानों का आरोप था कि केंद्र सरकार ने पारित कृषि अध्यादेशों में कारपोरेट से जुड़े लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है और किसानों को हाशिए पर धकेलने के लिए फसल/ अनाज आदि के भंडारण पर से रोक हटा दी है जिससे बड़े व्यापारी व उद्योगपति, जमाखोरी व कालाबाजारी करने के लिए आजाद हो जाएंगे। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश महासचिव एवं सामाजिक संस्था वाटर की अध्यक्ष शिल्पी अरोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के हितों की अनदेखी करते हुए देश का अन्नदाता के रहने वाले किसान को भूखे मरने की नौबत पर ला खड़ा किया है जिसको कतई भी सहन नहीं किया जाएगा। कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश सचिव प्रीत ग्रोवर ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि अध्यादेशों को पारित करके किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की तैयारी कर ली है जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नए अध्यादेशों में किसानों की फसल एमएससी पर खरीदने जाने की कोई गारंटी नहीं है, इससे एमएसपी पर किसानों के उत्पाद खरीदे जाने की सरकार की जिम्मेदारी खत्म हो जाएगी और किसानों की फसल को व्यापारी मनमाने दामों पर खरीदेंगे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसान कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष सुभाष बेहड़ ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा किसानों को बर्बाद करने की है क्योंकि किसान अपनी जमीन पर मजदूर बनकर रह जाएगा और बड़ी-बड़ी कंपनियां खेती करेंगी उन्होंने कहा कि इस प्रकार के काले कानून को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कार्यक्रम को पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन, कांग्रेस कमेटी के ब्लाॅकध्यक्ष नासिर हुसैन सहित तमाम वत्तफाओं ने भी संबोधित किया। धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार भुवन चंद के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि अध्यादेश ओं को तत्काल वापस लेने की मांग दोहराई गई। इस अवसर पर किसान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राजीव ग्रोवर किशोर हालदार वरुण कपूर, अमरनाथ चुघ, भारतीय किसान यूनियन के ब्लाकध्यक्ष राजेंद्र सिंह मक्कड़, जकी उल्ला खां, अशोक सेठी, हरी चंद कंबोज, भीम ठुकराल , टेक चंद कंबोज, नित्यानंद मंडल, हरी खेड़ा, मोहम्मद आलम, गुरबख्श सिंह, ममता हालदार, तीर्थराज सीकरी, दलजीत सिंह, आशीष बाला, जय राम राजभर, हरभजन सिंह, अशोक गंडा, मोहम्मद उस्मान, गुरचरण सिंह मक्कड़ एवं इरफान अली सहित तमाम लोग मौजूद थे। नानकमत्ता-नये कृषि विधेयकों के विरोध मे कांग्रेसियो एवं किसानों ने आज बड़ी संख्या में ट्रैक्टर रैली निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कृषि अनाज मंडी पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कृषि विधेयकों को वापिस लेने की पुरजोर मांग की गयी। बुधवार को खटीमा के पूर्व विधायक गोपाल सिंह राणा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं किसानों ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाये गये कृषि विधेयकों के खिलाफ बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालकर केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ भड़ास निकालते हुए केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कृषि अनाज मंडी में विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व विधायक गोपाल सिंह राणा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, जो किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। भाजपा ने हमेशा ही किसानों के साथ छलावा किया। भाजपा की सरकार में विकास पहिया धम चुका है। किसानों को गुलाम बनाने के लिए भाजपा सरकार ने कृषि विधेयक कानून बनाया है। कांग्रेस नगर अध्यक्ष मलूक सिंह खिंडा ने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों के हित में कोई काम नहीं कर रही है। किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है। कृषि कानून के विरोध में किसान सड़कों पर विरोध प्रदर्शन में मजबूर हैं। मगर केंद्र की मोदी सरकार किसानों के साथ अत्याचार कर रही है। युवाओं को रोजगार देने का वादा नाकाम साबित होता दिखाई दे रहा है। भाजपा सरकार किसान विरोधी हैं, किसान, बेरोजगार युवा,मजदूर, व्यापारी से अनदेखी करने वाली भाजपा को सत्ता से बाहर करने को कहा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं किसानों ने अपने ट्रैक्टर पर काला झंडा लगाकर रैली में पहुंचे। प्रदेश की भोली-भाली जनता ने भाजपा की सरकार को खाने का मन बना लिया है। उन्होंने किसानों के लिए बनाया गया काला कानून वापस लेने की मांग की। विरोध प्रदर्शन करने वालों में नगर पंचायत अध्यक्ष प्रेम सिंह टुरना, जिला पंचायत सदस्य डाॅ पवन कुमार राणा, डाॅ कुलवंत सिंह, नरेंद्र सिंह पिंटू, सतपाल सिंह, जसवंत सिंह, भोला सिंह, चंचल सिंह, राम नरेश राणा, निर्मल सिंह, सतनाम सिंह, हरपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह करनावल, विजेंद्र सिंह मोमी, हरपाल सिंह, नितिकेश भट्टð, बलविंदर सिंह, सुखविंदर सिंह, जरनैल सिंह, करनैल सिंह, आदि किसान मौजूद थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान शांति व्यवस्था के लिए थाना प्रभारी अविनाश कुमार पुलिस टीम के साथ तैनात रहे। प्रतापपुर चैकी प्रभारी राजेंद्र पंत, एसआई नवीन बुधानी, एसआई जगत सिंह भंडारी, एसआई दीपक कौशिक, रोहित चैधरी नवनीत कुमार आदि पुलिस बल तैनात रहा। रामनगर- केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि विधेयकों के विरोध में आज कांग्रेसजनों ने केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध दर्ज किया । कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया है कि जब तक यह काला कानून वापस नहीं हो जाता तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। बुधवार को कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने ग्राम मालधन चैड से ट्रैक्टर ट्राली व बाइकों से कृषि विधेयक बिल के विरोध में जुलूस निकाला। यह जुलूस पीरूमदारा के अलावा कई ग्रामीण क्षेत्रों से घूमता हुआ रामनगर पहुंचा। रानीखेत रोड पर हुई जनसभा में कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जताने के साथ ही अपना आक्रोश व्यत्तफ किया। सभा में बोलते हुए रणजीत सिंह रावत ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित यह बिल किसानों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में बहुमत ना होने के बाद भी सरकार ने आनन-फानन में इस काले कानून को किसानों के ऊपर थोपने की कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि हाल ही में काशीपुर क्षेत्र के गढीनेगी इलाके में एक किसान का धान 1250 में खरीदा गया है जिससे स्पष्ट हो गया है कि अब किसान को उसकी फसल का दाम उसके अनुसार नहीं मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अडानी व अंबानी दो परिवारों को फायदा पहुंचाने के मकसद से इस बिल को लाकर किसानों का दम घोटने का काम कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तफ दोनों लोग किसानों की फसल सस्ते में खरीद कर उसे अधिक दामों में बेचने का काम करेंगे जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तो हमने राज भवन इस मामले को लेकर कुछ किया था तथा आज यह विरोध रामनगर विधानसभा में किया जा रहा है। इसके बाद प्रदेश की सभी विधानसभा तहसील व मुख्यालय में भी केंद्र सरकार की इस नीति का पुरजोर विरोध जारी रहेगा। कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष हाजी मोहम्मद अकरम ,नगर अध्यक्ष डीसी हरबोला ,ब्लाॅक अध्यक्ष देशबंधु रावत ,मालधन मंडल अध्यक्ष ओम प्रकाश, किशोरी लाल ,अनिल अग्रवाल खुलासा, अतुल अग्रवाल ,नरेश कालिया, दिनेश लोहनी ,विनय पडालिया सुमित तिवारी ,वीरेंद्र तिवारी मोहिन खान ,विमला रावत, ममता आर्य ,किशन सेठ,ताईफ खान,नदीम कुरैशी सहित कई लोग मौजूद रहे।